मंगलवार, 22 दिसंबर 2009

जिंदगी

यक़ीनन जिंदगी भी बड़ी अजीब है , जितना समेटो उतनी ही फिसलती जाती है मानव अपने जीवन को उसी नजरिये से देखता है , जो उसने जिंदगी में देखा होता है और उन अनुभवों से सिखा होता है जैसे एक अंधे को अचानक ही आँखे मिल जाये तो रंगों को देख के ये नहीं बता सकता की ये लाल है की पीला जब तक उसे कोई ये बताये की लाल, लाल होता है ठीक इसी तेरह से जीवन है हमे पैदा होते ही ये बता दिया गया ये अपने है , ये पराये है , ये हिन्दू है , ये मुस्लिम है , कुछ बाते हमारे माता पिता ने बताई तो कुछ समाज ने , जीवन अपने गति से चलता रहा और जब स्कूल में गए तो गुरुजनों से बताया की हमे सच बोलना चाहिए , माता पिता का आदर करना चाहिए , ईमानदार होना चाहिए , जैसे हम बड़े होते गए दुनिया की इन बातो को अपने गुरुजनों की बातो को अपने किताबी ज्ञान का मजाक बनते देखा इसी समाज में जिसने हमे बताया था के ये रास्ता सही है सारे उम्मीद टूट गए दुनिया दोंगी नजर आई और एक उम्र आया जब हमने महसूस किया कि धर्म - अधरम , सत्य- असत्य , सही - गलत से जरुरी होता है इन सासों की डोर को संभालना , लेकिन कभी कभी जिंदगी इतनी निराशा और हताशा से भर जाती है की एक साँस जीवन पे भारी हो जाता है

शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

सफ़र

हर मुस्कराहट में खुशी शामिल नही होती ,
हर आंसू में गम शरीक नही होता,
जिंदगी जीने वाले मुसाफिर
इक दिन सफ़र ख़त्म हो जाता है
पर क्या मंजिल आने से
रास्ता ख़त्म हो जाता है..?

शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

मोहब्बत

ये कायनात , ये दर्द और ये दवाईयां ,
सब्र ,अश्क और जुदाईयां ,
इश्क के और भी तोहफे है दोस्तों .....
महबूब मिले न मिले पर मिल जाती है,
रुसवाईयां......
"गैर " इश्क गुनाह है अगर जिंदगी से
तो कर मौत से जो देगी तुम्हें ....
पुर सुकून विदाइयां .......

शुक्रवार, 26 जून 2009

एहसास

दिल से प्यार का एहसास मिट गया , जिंदगी जीने का जज्बात मिट गया
दामन कभी भरा होता था खुशियों से , आज आंसुओ में सारा संसार सिमट गया...

गुरुवार, 25 जून 2009

रिश्ते

हर रिश्ते की अपनी परिभाषा होती है ,
उससे जुड़ी आशा निराशा होती है,
रिश्ते - रिश्ते की क़द्र करते है तो
जिंदगी भी एक अभिलाषा लगती है
अगर ना करे तो ,
जिंदगी तमाशा लगती है ......

बुधवार, 24 जून 2009

दुआ

ख्वाबो के राही को हकीक़त में ज़मी नही मिलती
बिस्तर तो मिल जाता है पर नीद नही मिलती
यकीनन जाना है सबको एक दिन जहाँ से
पर लोगो को अब खुदा के वास्ते दो घड़ी नही मिलती
आरजू और इश्क का फ़साना बना ऐसा मेरे मौला
की अब मांगे से भी मौत की तामिल नही मिलती

मंगलवार, 23 जून 2009

आज का विचार

एक वक्त में विश्व के अलग - अलग भागो में विपरीत परिस्थितियों में एक नए क्रांति का उद्भव हो रहा होता है जिसका एक दुसरे से कोई सम्बन्ध नही होता लेकिन दोनों एक दुसरे के परिणाम को प्रभावित जरुर करते है।
सदियाँ गुजर जाती है, पर कुछ आग सीने में जलते रहती हैं ,
ढोती है कुछ जुल्म पीढ़ी या , और मानवता रोती रहती है ,
अपने अतीत से छुप के जीते है कुछ दर्द इस तरह
जैसे बीच समन्दर सीप में के मोती बनती है..