दुनिया बनाने वाले क्या तू कही है ?
अगर है ,तो तेरी इस दुनिया में
तेरी औलादे इतनी ज़ालिम क्यों है ?
इक तरफ चमचमाती इमारते तो
दूसरी तरफ खंडहरात क्यों है?
किसी के घरो में दो वक़्त की रोटी नहीं
और किसी के घरो में भरे हीरे - जवाहरात क्यों है ?
इक तरफ गरीबी ,भूक ,लाचारी, और बेबसी
की अँधेरी रात , तो दूसरी ओर
एशो -आराम की खिली चांदनी रात क्यों है?
अगर है तो क्यों नहीं समझाता अपने बन्दों को
मत बहाए तेरे नाम पे तेरे ही बन्दों का खून
की ये तेरी ही बनाई कायनात है
दुनिया कहने लगी है मुझे पागल
पर तू तो बता क्या मेरे नसीब में
तुझसे मुलाकात तो है ?
अगर है ,तो तेरी इस दुनिया में
तेरी औलादे इतनी ज़ालिम क्यों है ?
इक तरफ चमचमाती इमारते तो
दूसरी तरफ खंडहरात क्यों है?
किसी के घरो में दो वक़्त की रोटी नहीं
और किसी के घरो में भरे हीरे - जवाहरात क्यों है ?
इक तरफ गरीबी ,भूक ,लाचारी, और बेबसी
की अँधेरी रात , तो दूसरी ओर
एशो -आराम की खिली चांदनी रात क्यों है?
अगर है तो क्यों नहीं समझाता अपने बन्दों को
मत बहाए तेरे नाम पे तेरे ही बन्दों का खून
की ये तेरी ही बनाई कायनात है
दुनिया कहने लगी है मुझे पागल
पर तू तो बता क्या मेरे नसीब में
तुझसे मुलाकात तो है ?