जीवन के तमाम मुश्किलों को हल करने का एक छोटा सा प्रयास , अपने अनुभवों के साथ , प्रेम , जीवन , नौकरी और जीवन के विडंबनाओं के साथ सामंजस्य
शुक्रवार, 3 जुलाई 2009
मोहब्बत
ये कायनात , ये दर्द और ये दवाईयां , सब्र ,अश्क और जुदाईयां , इश्क के और भी तोहफे है दोस्तों ..... महबूब मिले न मिले पर मिल जाती है, रुसवाईयां...... "गैर " इश्क गुनाह है अगर जिंदगी से तो कर मौत से जो देगी तुम्हें .... पुर सुकून विदाइयां .......
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