बुधवार, 31 अक्तूबर 2012

विकाशशील

वर्तमान के राजनीतिक काल  में कीचड़ से कीचड़ धोने का क्रम जारी हैं , आजादी के बाद इस देश की जनता और आने वाली पीढियां क्या जन्म  से ही  इतनी बुरी थी जैसी आज के समय में हैं |  भारतीयता ,स्वालंबन , नैतिकता कहाँ चली गई हैं? एक सच बोलो आप, उसे झुटा साबित करने के लिए तमाम लोग आ जायेंगे सच क्या हैं, ये कहने वाला , सुनने वाला  और विरोध करने वाले लोग भी जानते हैं  | साधारण सी बात हैं एक भारतीय भाषाओ को ले लीजिये , किस भारतीय भाषा में आप निपुण  हो के सम्मान जनक रोजगार पा सकते हैं , आप शुद्ध  हिंदी  बोल के देखिये आपका मजाक उड़ाने वाले हजारो मिल जायेंगे | अब सब अलग दिखना चाहते हैं  बोल चाल में , पहनावे में | आप धोती कुर्ता पहन के निकलिए आपका मजाक उडाया जायेगा | भारतीय अंग्रेज बनने चला हैं सिर्फ  वेश भूषा बदल के ... विचार  बने हैं अंग्रेजो जैसे ? आप वैचारिक हैं , ईमानदार हैं, नैतिक हैं तो  १०० % आप मुर्ख हैं ......ऐसा युवा सोचता हैं आज का ... आँखे होते हुए अंधे हैं.... कान होते हुए बहरे हैं ... ये खुलेंगे कैसे सिर्फ शिक्षित होने से  नहीं ... अपना इतिहास जानने से .. आजादी के पहले का इतिहास तो मिल जाता हैं पढने को और उसके बाद का किसको फुर्सत हैं पढने का बस सुना हैं जी इसने ये किया उसने वो किया ... बस बन गए हैं पार्टियों के समर्थक .. भाई विचारधारा नाम की चीज़ ही नहीं बची हैं न पार्टियों के पास न ही लोगो के पास , और कर रहे हैं इस देश का फैसला ... देश का नहीं अपने परिवार अपने वंश का भविष्य बना रहे हैं देश का भविष्य कही जाये .. मजदुर का बेटा अब मजदुर ही बनाया जायेगा .. कर्मचारी का बेटा कर्मचारी ही बनेगा वर्कर पैदा किये जायेंगे ....साफ शब्दों में गुलाम .. और काले अंग्रेज बनेगे मालिक ... और  देश खुशहाल हो रहा हैं और होता रहेगा जी ... हम आज जिन्दा हैं कल निकल लेंगे आने वाले जाने... सच बोलने वाले जेलों  में डाले जायेंगे या फिर उनकी जुबान बंद कर दी जाएगी ये सत्ता में आने वाला कोई भी कर सकता हैं  जरुरी नहीं हैं की वो कोई खास पार्टी का हो ... क्यों हम अपना कुछ नहीं बना रहे  आने वाले सदियों में पीढियां गर्व करे की हमारे पूर्वजो ने ये विरासत छोड़ी हैं हमारे लिए , वे जो करेंगे ये ज़माना देखेगा .....हम उनके लिए क्या बना रहे हैं ....

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